श्री बत्रा ने बैठक में बताया कि हरियाणा सरकार द्वारा वर्ष 2010-11 में वर्ष 2008-09 व 2009-10 का प्रोपर्टी टैक्स माफ कर दिया था, जिसके कारण शहर वासियों द्वारा माफ प्रोपर्टी टैक्स को छोडक़र अन्य वर्षों का प्रोपर्टी टैक्स निगम में जमा करवा दिया था। अब नगर निगम द्वारा वितरित किए जा रहे प्रोपर्टी टैक्स के बिलों में वर्ष 2008-09 व 2009-10 के प्रोपर्टी टैक्स के साथ ब्याज भी लगाया हुआ है, जो काफी अधिक है। इस कारण लोग ब्याज भरने में असमर्थ हैं और प्रोपर्टी टैक्स पर लगाए गए ब्याज को माफ किया जाए। उन्होंने गुडग़ांव में टै्रफिक व्यवस्था में सुधार के लिए सोहना चौक, अतुल कटारिया चौक, हुडा सिटी सैंटर चौक आदि स्थानों पर फ्लाई ओवरों के निर्माण करवाने की बात भी बैठक में रखी। साथ ही श्री बत्रा ने कहा कि जमीनों के रेट अधिक बढ़ जाने के कारण आम आदमी को गुडग़ांव में मकान मिलना मुश्किल हो गया है तथा सरकार द्वारा 150 प्रतिशत एफएआर लागू किया गया है, जिसके कारण केवल ढ़ाई मंजिल तक ही भवन का निर्माण किया जा सकता है। उन्होंने एफएआर को 300 प्रतिशत बढ़ाने का आग्रह किया, ताकि भवन का निर्माण चार मंजिल तक किया जा सके।
उन्होंने बताया कि गुडग़ांव में काफी मात्रा में कमर्शियल भवन बने हुए हैं और नगर निगम द्वारा कमर्शियल भवनों के नक्शे स्वीकृत नहीं किए जाते क्योंकि सरकार द्वारा मुख्य सडक़ों को कमर्शियल घोषित नहीं किया गया है और निगम को राजस्व की हानि हो रही है, जिसका असर विकास कार्यों पर पड़ता है। उन्होंने गुडग़ांव की सभी मुख्य सडक़ों को कमर्शिलय घोषित करने की बात बैठक में रखी और कहा कि इससे निगम को लगभग 200 करोड़ रूपए के राजस्व की प्राप्ति होगी। श्री बत्रा ने निगम क्षेत्र में सब डिविजन प्लाटों के नक्शे स्वीकृत करने, पार्किंग समस्या दूर करने, 100 वर्ग गज तक के प्लाटों का प्रोपर्टी टैक्स माफ करने तथा विधवा व विकलांग आदि का प्रोपर्टी टैक्स माफ करने सहित अन्य मुद्दे बैठक में रखे।
बैठक में डिप्टी मेयर परमिन्द्र कटारिया ने स्वच्छता पर अपनी बात रखी तथा कहा कि अगर स्वच्छता पर विशेष रूप से ध्यान दिया जाएगा तो हमारा शहर तथा यहां के नागरिक भी स्वच्छ व स्वस्थ रहेंगे और गुडग़ांव विकास की राह पर आगे बढ़ेगा। बैठक में हरियाणा के विभिन्न नगर निगमों के मेयर, सीनियर डिप्टी मेयर तथा डिप्टी मेयरों सहित हरियाणा सरकार के अन्य वरिष्ठ अधिकारीगण उपस्थित थे।