लुधियाना, 24 दिसंबर, नितिन गर्ग : पंजाब के खाद्य, सिविल सप्लाई और उपभोक्ता मामले विभाग ने उपभोक्ता सुरक्षा एक्ट 2019 संबंधी राज्य में विशाल जागरूकता मुहिम आरंभ की है। विभाग के कैबिनेट मंत्री भारत भूषण आशु ने कहा कि इस मुहिम के अंतर्गत बड़े स्तर पर उपभोक्ताओं को ग्रामीण स्तर तक जागरूक करने का लक्ष्य है।
उन्होंने आज लुधियाना स्थित पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के डॉ. मनमोहन सिंह ऑडीटोरियम में राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस सम्बन्धी आयोजित किये गए राज्य स्तरीय समागम में श्री आशु ने मुख्य मेहमान के तौर पर और विभाग के प्रमुख सचिव के.ए.पी. सिन्हा, डायरैक्टर श्रीमती अनिंदिता मित्रा विशेष मेहमान के तौर पर पहुँचे थे।
इस मौके पर समागम को संबोधन करते हुए श्री आशु ने कहा कि समाज तभी मज़बूत हो सकता है जब उपभोक्ता के हक सुरक्षित और मज़बूत होंगे। नया उपभोक्ता सुरक्षा एक्ट 2019 उपभोक्ताओं के हकों को मज़बूत करने वाला है, जिसको राज्य में पूर्ण तौर पर सख्ती के साथ लागू किया जायेगा। उन्होंने कहा कि यह एक्ट उपभोक्ताओं के कई तरह के शोषणों जैसे कि बुरी गुणवत्ता वाली वस्तुएँ, बुरी सेवाएं और गलत व्यापारिक गतिविधियों को रोकने में सफल रहेगा। उन्होंने ज़ोर दिया कि आज ज़रूरत है कि उपभोक्ताओं को इस एक्ट के अलग -अलग पहलुओं संबंधी जागरूक किया जाये जिससे उनका असली तरीके से सशक्तीकरण किया जा सके।
उन्होंने कहा कि नये एक्ट में गुमराहकुन्न इश्तिहारबाज़ी करने वालों के खि़लाफ़ जुर्मानों का प्रावधान किया गया है। इसके अंतर्गत सैंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी द्वारा 10 लाख रुपए और 2 साल तक की सज़ा का प्रावधान है। दोबारा गलती करने पर यह जुर्माना राशि 50 लाख रुपए और सज़ा 5 साल तक होने का भी प्रावधान है। इस सम्बन्धी सैंट्रल कंज्यूमर प्रोटेक्शन अथॉरिटी द्वारा इश्तिहार करने वाली कंपनी को सम्बन्धित उत्पाद या वस्तु को एक साल इश्तिहारबाज़ी से भी रोका जा सकता है।
श्री आशु ने बताया कि इससे पहले उपभोक्ता सुरक्षा एक्ट 1986 में कोई अलग रैगूलेटर का प्रावधान नहीं था। शिकायत सिफऱ् वहीं फाइल की जा सकती थी जहाँ बेचने वाले का दफ़्तर होता था। उत्पाद देनदारी का कोई प्रावधान नहीं था। उपभोक्ता सिविल कोर्ट तक पहुँच कर सकता था परन्तु उपभोक्ता कोर्ट को नहीं। जिला स्तरीय कोर्ट की वित्तीय शक्ति 20 लाख रुपए तक थी, जबकि राज्य स्तरीय कोर्ट की शक्ति 20 लाख से 1 करोड़ रुपए और राष्ट्रीय स्तर की कोर्ट की 1 करोड़ रुपए से ऊपर थी। इस सम्बन्धी ई-कॉमर्स पर चैक रखने और मैडीएशन सैलों की स्थापति का कोई भी कानूनी प्रावधान नहीं था।
उन्होंने कहा कि नये एक्ट के अंतर्गत जि़ला, राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर उपभोक्ता झगड़ा निवारण करने हेतु कमीशनों का गठन किया जायेगा। जि़ला स्तरीय कमीशनों द्वारा 1 करोड़ रुपए तक के मूल्य वाली वस्तुएँ या उत्पादों संबंधी शिकायतें ली और सुनी जाएंगी। जबकि 1 करोड़ से 10 करोड़ रुपए तक की शिकायतें राज्य स्तरीय कमीशन के पास और इससे ऊपर की रकम वाली शिकायतें राष्ट्रीय कमीशन के आगे रखी जा सकेंगी। इसके अलावा सीधी बेच सम्बन्धी सभी नियम ई-कॉमर्स तक बढ़ाए गए हैं और अब कोर्ट आपसी रज़ामंदी के साथ भी मामले सुलझा सकेंगी। उन्होंने कहा कि विभाग के लीगल मैट्रीलोजी विंग को भी मज़बूत किया जायेगा।
इसके पहले समागम को संबोधन करते हुए प्रमुख सचिव श्री सिन्हा ने कहा कि इस नये एक्ट के अंतर्गत यदि कोई उपभोक्ता किसी भी वस्तु या उत्पाद से संतुष्ट नहीं होता तो उस कंपनी के खि़लाफ़ केस उपभोक्ता अपने शहर में भी फाइल कर सकेगा चाहे खरीददारी किसी और शहर में से क्यों न की हो। उपभोक्ता को किसी भी वकील को रखने की ज़रूरत नहीं पड़ेगी और इस मामले का निपटारा भी 3 महीने में किया जायेगा। केस फाइल करने के लिए दस्तावेज़ डाक के द्वारा भी भेजे जा सकेंगे। उन्होंने अलग -अलग प्रवक्ताओं द्वारा विभाग की कुछ कमियों को दूर करने की भी प्रशंसा की और भरोसा दिया कि इन कमियों को जल्द ही दूर किया जायेगा।
समागम के दौरान लुधियाना उपभोक्ता झगड़ा निवारण फोरम के प्रधान जी. के. धीर, अखिल भारतीय ग्राम पंचायत पंजाब के मुख्य सलाहकार स. इन्द्रजीत सिंह सोढी, एस.बी. पांधी, ओ. पी. गर्ग ने इस नये एक्ट संबंधी बड़े विस्तार के साथ रौशनी डाली। इस मौके पर उपभोक्ताओं को जागरूक करने के लिए कई रंगारंग प्रस्तुतीकरण भी पेश की गईं। इस सम्बन्धी करवाई गई अलग -अलग प्रतियोगिताओं के विजेताओं को भी मुख्य मेहमान की तरफ से सम्मानित किया गया।
इस मौके पर दूसरों के अलावा विधायक संजय तलवाड़, पंजाब कृषि यूनिवर्सिटी के उप कुलपति डा. बलदेव सिंह ढिल्लों, नगर निगम लुधियाना के मेयर स. बलकार सिंह संधू, नगर सुधार ट्रस्ट के चेयरमैन श्री रमन सुब्रमनियम, अतिरिक्त डिप्टी कमिश्नर (ज) स. इकबाल सिंह संधू, जिला कांग्रेस पार्टी प्रधान श्री अश्वनी शर्मा, काऊंसलर श्रीमती ममता आशु, विभाग के डिप्टी डायरैक्टर मिस सोना थिंद, डी.एफ़.एस.ईज़. श्रीमती गीता बिशंभू और स. सुखविन्दर सिंह गिल, सिटीजन अवेयरनेस काँसिल के अध्य्क्ष सुरिंदर वर्मा और अन्य उपस्थित थे।